पटना। राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह कमर कस चुका है तथा इससे संबंधित कार्य योजना को अंतिम रूप देने की उसकी तैयारी है।
स्कूल गवर्नेस के तहत यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्कूल समय से खुले एवं समय से बंद हो, चेतना सत्र का संचालन हो, साफ- सफाई हो, हाजिरी हो, कक्षाओं का संचालन टाइम-टेबल से हो, बच्चे स्कूल ड्रेस में आयें, प्रधानाध्यापक अपनी भूमिका एवं जिम्मेवारियों को बखूबी निभायें तथा अभिभावक शिक्षक मीटिंग नियमित रूप से हो।
नामांकन एवं छात्रोस्थिति के तहत हर स्कूल के पोषक क्षेत्र के छह से अठारह आयु वर्ग के बच्चों पर फोकस होगा। यह सुनिश्चित कियाजायेगा कि इस उम्र के हर बच्चे स्कूल
में हों। उनके नामांकन के साथ ही ड्रॉपआउट वाले बच्चे भी स्कूल लाये जायेंगे। छात्रों के साथ शिक्षकों की भी उपस्थिति समय से सुनिश्चित की जायेगी।
शिक्षकों की भूमिका एवं जिम्मेदारी के तहत यह सुनिश्चित होगा कि हर शिक्षक समय से स्कूल आयं, समय-सारणी के हिसाब से कक्षा संचालन करें, समय पर पाठ्यक्रम पूरा करें, बच्चों को होमवर्क दें, होमवर्क की जांच करें, हर बच्चे का प्रोफाइल रखें, बच्चों का रिजल्ट उनके अभिभावकों के साथ साझा करें तथा शिक्षकों के लिए मासिक पुरस्कार योजना हो। वर्गकक्ष में पाठ्यपुस्तक और वर्कबुक का उपयोग हो। बच्चे अपनी बात स्पष्ट प से रख सकें, यह दक्षता उनमें विकसित की जाय। बच्चे रीडिंग लगायें। एफ.एल.एन. और टी.एल.एम. किट का उपयोग हो। बच्चों की साप्ताहिक एवं मासिक परीक्ष ली जाय।
हर स्कूल को भवन, वर्गकक्ष, ऑयलेट, पेयजल, चहारदिवारी एवं फर्नीचर की उपलब्धता भी गुणवत्तापूर्ण शिाक्षा की कार्ययोजना में है। एकेडमिक संसाधन के तहत लैब, प्रयोगशाला, आई.सी.टी. लैब, स्मार्ट कलास एवं खेलकूद की व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी।
स्कूलों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों का एकेडमिक सपोर्ट, शिक्षकों में दक्षता का विकास, समय-समय पर शिक्षकों का मूल्यांकन एवं स्कूलों की रैंकिंग की भी योजना है। कार्य योजना में माध्याह्न भोजन वितरण, मध्याह्न भेजन की गुणवत्ता, फर्जी उपस्थिति पर रोक तथा स्कूलों के इंस्पेक्शन को प्रभावी बनाया जाना भी शामिल है।
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