आरक्षण रोस्टर में बदलाव के कारण 12 परीक्षाओं के रिजल्ट में हो रही देर

आरक्षण रोस्टर में बदलाव के कारण 12 परीक्षाओं के रिजल्ट में हो रही देर

 बिहार सरकार के 75% आरक्षण के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसकी वजह से टीआरई-3 के तहत 87774 पदों पर शिक्षक भर्ती, एसटीईटी, सहायक वास्तुविद सहित करीब 12 है। वहीं 118 सहायक अभियंता, 1051 कृषि विभाग के अधिकारी के पदों पर भर्ती की पूरी प्रक्रिया में 4 से 6 महीने की देर होगी। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में 1339

सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती को रोक दिया गया। आधा दर्जन रिक्तियों के लिए परीक्षा की तिथि में भी बदलाव हुआ है। रिक्तियां सुधारने के लिए बीपीएससी ने वैकेंसी लौटाई

आरक्षण रोस्टर की वजह से ही प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का रिजल्ट जारी होने में देर हुई। बीपीएससी अध्यक्ष परमार मनुभाई ने बताया कि बीपीएससी की परीक्षाओं का रिजल्ट लगातार जारी हो रहा है। टीआरई-3 के सभी विषयों की आंसर-की जारी की जा चुकी है। जबकि प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का फाइनल रिजल्ट भी जारी हुआ है। बीपीएससी की ओर से जारी रिजल्ट में सभी से पालन किया जा रहा है।



सामान्य वर्ग की सीटें बढ़ीं


75% आरक्षण रोस्टर पर रोक लगाने के बाद रिक्तियों में सामान्य वर्ग की सीटों में वृद्धि हुई है। बीपीएससी ने 5 मार्च को आईटीआई के लिए 76 पदों पर भर्ती की रिक्तियां निकाली थी। उसमें सामान्य वर्ग के लिए 14 पद निर्धारित किए गए थे। लेकिन आरक्षण रोस्टर में संशोधन के बाद अब 32 पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों की भर्ती होगी। इसी तरह से सहायक वास्तुविद के लिए 15 फरवरी को 106 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था। इसमें 26 पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों की भर्ती होनी थी। लेकिन नए आरक्षण रोस्टर के मुताबिक 42 पदों पर अब सामान्य अभ्यर्थी की भर्ती होगी।


बीपीएससी ने नगर विकास एवं आवास विभाग, कृषि, भवन निर्माण, पीएचईडी सहित विभिन्न विभागों से सितंबर 2023 में रिक्तियां मांगी थी। 9 नवंबर 2023 को आरक्षण नीति में बदलाव किया गया। इसके बाद विभागों ने 75 प्रतिशत आरक्षण के आधार

पर बीपीएससी को वैकेंसी भेजी। उस आधार पर बीपीएससी ने परीक्षा समिति बनाई। जिलों में परीक्षा सेंटर तय किए गए। परीक्षा के बाद इंटरव्यू सहित अन्य प्रक्रिया के लिए 7 सदस्यीय टीम ने योजना बनाई। लेकिन हाईकोर्ट की रोक के बाद आरक्षण रोस्टर में फिर से सुधार का निर्देश दिया गया। ऐसे में बीपीएससी ने सभी रिक्तियों को फिर से विभागों को वापस कर दिया। केवल 5 विभाग ने रिक्तियों में संशोधन करके बीपीएससी को भेजा है। जबकि छह विभागों ने रिक्तियों को बीपीएससी को नहीं भेजा है।

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