आधार कार्ड की तरह अपार कार्ड यानी आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री निर्माण को लेकर 21 से 25 नवंबर तक विशेष अभियान चलाया जायेगा, जिला स्तर पर इसके निर्माण की प्रक्रिया काफी धीमी है. अपार आइडी के निर्माण रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी सहित गैर सरकारी विद्यालयों में वर्ग एक से 12 वीं में नामांकित 5.50 लाख छात्रों में विवरण
से 16 नवंबर तक मात्र 92 छात्रों का अपार आइडी बन पाया था. इधर विशेष अभियान को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा है. छात्रों के 12 अंकों का बनने वाले अपार कार्ड में उनकी शैक्षिक उलब्धियों समेत अन्य रिकॉर्डों का दर्ज होगा. जिसका उपयोग
भविष्य में वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर किया जा सकेगा, जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विशेष अभियान को जिला से लेकर प्रखंड, संकुल व विद्यालय स्तर पर किया जायेगा. विद्यालय स्तर पर अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी आयोजित कर सहमति पत्र प्राप्त किया जायेगा. डीइओ ने बताया कि
यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें छात्रों के लिए 12 अंकों का एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा. इसकी मदद से भविष्य में उनकी शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी. यू डायस पोर्टल के माध्यम से ही छात्रों की अपार आईडी बनायी जायेगी. डीइओ ने बताया कि आउट आफ स्कूल बच्चों का चिह्नीकरण तथा उनकी शैक्षिक यात्रा, उनके अंक पत्र आदि का विवरण संबंधित अपार आईडी में सुरक्षित हो जाएंगे. यह एक प्रकार का डिजिलॉकर होगा, जिसकी सहायता से सभी अकादमिक अभिलेख को प्राप्त किया जा सकेगा. इस व्यवस्था से ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सकेगा
डीइओ ने अभिभावकों से किया अपील
अपार कार्ड निर्माण को लेकर चलने वाले विशेष अभियान की सफलता को लेकर डीइओ राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी अभिभावकों से अपील किया है. डीइओ ने बताया कि वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर इसका भविष्य में इस्तेमाल होगा. ऐसे में अपार आइडी निर्माण में अभिभावकों का सहयोग बेहद जरूरी है.
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