जिले में एक साथ सरकारी एवं निजी दोनों ही विद्यालयों में नामांकन कराने वाले बच्चों की पहचान कर ली गई है। जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार अब तक नौ हजार, 310 बच्चों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में नामांकन कराया है। जबकि वे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। आधार कार्ड के माध्यम ऐसे और बच्चों की पहचान की जा रही है। अब इन बच्चों का सरकारी स्कूल से नामांकन रद होगा। प्राप्त आकड़े के अनुसार राज्य में अब तक तीन लाख, 55 हजार, 700 बच्चों के दोहरे नामांकन पाए गए हैं।
इन योजनाओं से बच्चे होते लाभान्वित सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है। बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र- छात्राओं को 10-10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति, इंटर उत्तीर्ण छात्राओं को 25-25 हजार रुपये छात्रवृति, इसके अलावा साइकिल और पोशाक योजना आदि शामिल है। इन सभी योजनाओं की राशि विद्यार्थियों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिशयल ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से जमा की जाती है।
दोहरा नामांकन कराने वाले की आधार से होती पहचान
जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी निजी स्कूलों को नामांकित बच्चों के आधार कार्ड के साथ ई-शिक्षा पोर्टल पर पूरी जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि ऐसे बच्चों की पहचान की जा सके, जिन्होंने सरकारी एवं निजी दोनों ही स्कूलों में नामांकन लिया है। होता यह है कि अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में करा लेते हैं और पढ़ाई निजी स्कूलों में कराते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि आधार कार्ड के माध्यम से दोहरा नामांकन लेने वाले बच्चों की पहचान आसानी से की जा सकती है। इसलिए सरकारी एवं निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। जिन्होंने दोहरा नामांकन लिया है, उनका नाम सरकारी स्कूल से काटा जाएगा। इसके बाद उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
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