तीन दिन में केवल 500 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षा कोष पर किया आवेदन, संशय

तीन दिन में केवल 500 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षा कोष पर किया आवेदन, संशय

 जिले के शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई- शिक्षा कोष पर वेदन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि अभी यह संख्या कम है व विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 500 से अधिक शिक्षकों ने ही शनिवार तक आवेदन किया है। शिक्षा विभाग ने 07 से लेकर 22 नवंबर तक का समय ऑनलाइन आवेदन के लिए निर्धारित किया है। ई- शिक्षा कोष पर शिक्षकों द्वारा आवेदन दिया जा रहा है। प्रथम स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को 10 विकल्प देने को कहा गया है। नहीं तो उनका स्थानांतरण रिक्त सीटों पर कर दिया जाएगा। मालूम हो कि शिक्षक स्थानांतरण के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल से ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। जिन शिक्षकों के पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर नहीं होगा वे आवेदन नहीं कर सकेंगे। शिक्षकों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर स्थानांतरण से संबंधित जानकारी मोबाइल पर मिलती रहेगी। स्थानांतरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए प्रत्येक बार ओटीपी दिया जाएगा। जिसके आधार पर आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। स्थानांतरण की प्रक्रिया दिसंबर में स्कूल आवंटन के साथ पूरी होगी। शिक्षकों की मांग है कि सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक और विद्यालय अध्यापक उत्तीर्ण शिक्षकों का स्थानांतरण व पदस्थापन होना चाहिए। इसके बाद ही सक्षमता पास शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण किया जाना चाहिए। जो शिक्षा और शिक्षक हित में होगा. 

सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों में संशय की स्थिति


वहीं कई शिक्षकों ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के लिए वर्तमान स्थानांतरण और पदस्थापन नीति गले का फांस बन गई है। सक्षमता पास सभी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए नए स्थान पर योगदान करना आवश्यक है। परीक्षा लेने से पूर्व सरकार द्वारा नीति निर्धारित की गई थी जिसमें तीन जिला का विकल्प दिया गया था।



प्राप्तांक के आधार पर उन्हें जिला भी आवंटित किया गया। लेकिन वर्तमान स्थानांतरण और पदस्थापन नीति से गृह जिला प्राप्त करने वाले शिक्षकों को अपने जिला से दूर हो जाने की चिंता होने लगी है। सभी स्वयं को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं। ई- शिक्षा कोष पर 10 अनुमंडल की बाध्यता देकर सरकार ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है।

नई स्थानांतरण नीति से राज्य के शिक्षकों को नहीं मिल सकता लाभ, करेंगे आंदोलन

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संजीव कुमार कामत ने कहा कि नई स्थानांतरण नीति से सिर्फ राज्य के बाहरी शिक्षकों को ही लाभ होगा। क्योंकि उन्हें अपने राज्य के सीमा क्षेत्र के नजदीक पदस्थापित होने का मौका मिलेगा। लेकिन बिहार के निवासी शिक्षक न सिर्फ अपने गृह अनुमंडल से बल्कि गृह जिले से भी बाहर स्थानांतरित हो जाएंगे। सरकार को महिला शिक्षिकाओं के समान ही पुरुष शिक्षकों को भी अपने गृह पंचायत को छोड़कर पड़ोस के पंचायतों में पदस्थापन की नीति लानी चाहिए, ताकि सभी शिक्षक चिंता मुक्त होकर विद्यालय में बेहतर ढंग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें। दूसरी तरफ 10 पंचायतों का विकल्प लेने से अधिकांश महिला शिक्षिकाएं जो अपने नैहर या ससुराल के नजदीक के विद्यालय में कार्यरत हैं, वे भी अब घर-परिवार से दूर हो जायेंगी। असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को भी मनचाहा जगह मिलने की गारंटी नहीं है। शिक्षक सरकार से नियमों में बदलाव की मांग कर रहे हैं। कुछ शिक्षक संघ इसको लेकर आंदोलन की तैयारी में भी हैं. 

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