सहरसा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका के अनुचित व्यवहार को लेकर विवाद सामने आया है। सत्तर कट्टैया प्रखंड के एक विद्यालय की शिक्षिका सुप्रिया ज्योति पर आरोप है कि उन्होंने अमर्यादित और अश्लील बातें कीं, जिससे स्कूल का वातावरण प्रभावित हुआ। स्कूल के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं ने एक आवेदन के माध्यम से इसकी शिकायत प्रधानाध्यापक से की।
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अनिल कुमार ने मामले की जांच के बाद शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। शिक्षिका का मुख्यालय सौर बाजार प्रखंड शिक्षा कार्यालय कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनके आचरण की विभागीय जांच के लिए बीईओ सिमरी बख्तियारपुर और सौर बाजार के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल के 47 छात्रों और 18 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने लिखित रूप से शिकायत की थी। सभी ने शिक्षिका पर अमर्यादित भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया, जिससे बच्चों और शिक्षकों का माहौल प्रभावित हो रहा था। प्रधानाध्यापक के अनुसार, शिक्षिका को कई बार अपने आचरण में सुधार लाने के लिए चेतावनी दी गई थी। लेकिन उन्होंने न केवल निर्देशों की अवहेलना की बल्कि अपने सहकर्मियों और छात्रों को धमकाने लगीं।
इस घटना के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। कई अभिभावक शिक्षकों के इस तरह के आचरण पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जिन पर बच्चों के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी है, अगर वे स्वयं अनुशासनहीन व्यवहार करेंगे तो बच्चों को क्या शिक्षा मिलेगी?
यह घटना हाल ही में पत्तरघट प्रखंड के मौनी उच्च विद्यालय में शिक्षकों द्वारा शराब सेवन की घटना के बाद सामने आई है, जिसने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है
Post a Comment