नयी शिक्षक स्थानांतरण नीति प्रताड़ना का नया उपाय है. यदि सभी कोटि के शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण का विकल्प नहीं दिया गया तो आंदोलन होगा. यह बातें शिक्षक नेता शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि विभाग और एसीएस एस सिद्धार्थ के सभी आदेश शिक्षकों को संकट में डालने वाले हैं. सिद्धार्थ का नया कथन कि अब शिक्षकों के देर से आने पर उनकी उपस्थिति को इ-शिक्षा कोष ऐप पर लेट पंच के तौर पर दर्ज किया जाएगा. तय नियमावली के मुताबिक यदि टीचर एक महीने में चार बार दस मिनट से अधिक देर से स्कूल में आते हैं तो उनकी एक छुट्टी काट ली जाएगी. आपत्ति जनक है. सिंह ने कहा कि स्कूल में मौजूद रहने के बावजूद एप लोकेशन सही नहीं बताता. जिससे उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती है. अपनी कमी को दूर करने के बजाय विभाग कभी वेतन कटौती तो कभी अवकाश कटौती की बात कह कर शिक्षकों को प्रताड़ित करता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा विभाग को विधानसभा में विद्यालय संचालन अवधि सुबह दस से चार का आदेश दिया गया. परन्तु उनके बयान की गरिमा को विभाग के अधिकारी समझने में
असमर्थ हैं. राष्ट्रनिर्माता शिक्षकों को ऐसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कभी सम्भव नहीं है. क्योंकि जब शिक्षक ही मानसिक तनाव में होगा तो पठन-पाठन का कार्य निश्चित रूप से प्रभावित होगा. इस मौके पर संजय यादव, विनोद राय, हवलदार मांझी, निजाम अहमद, रणजीत सिंह, पीयूष तिवारी, जितेंद्र सिंह, राहुल रंजन सिंह, उपेंद्र सिंह, पंकज प्रकाश, संतोष सिंह, श्यामबाबु सिंह, सुमन प्रसाद कुशवाहा, सुनील कुमार, भीम कुमार रजक, जमील अहमद, मनीष कुमार, एहसान अंसारी, पप्पू जी, मंटू कुमार मिश्रा, विनायक यादव, शौकत अली, जयप्रकाश तिवारी, मंटू सिंह, ललन राय, उमेश राय आदि उपस्थित थे.
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