बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए 7 नवंबर से आवेदन शुरू हुआ है। लेकिन अब शिक्षकों के सामने बड़ी समस्या यह है कि उन्हें पता ही नहीं कि विकल्प वाली पंचायत, प्रखंड कहां पर है। दूसरे प्रखंड और अनुमंडल में पंचायतों की दूरी मौजूदा पोस्टिंग से कितने किलोमीटर की है। आवास की क्या व्यवस्था है। ऐसे में शिक्षक सरकार से पंचायतों का नक्शा मांग रहे हैं। जिसके आधार पर वह विकल्प के रूप में पंचायत व प्रखंड का चुनाव कर सके। इस संबंध में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव आनंद मिश्रा ने कहा कि बीपीएससी से नियुक्त अधिकांश शिक्षक दूसरे राज्यों के हैं, उन्हें बिहार की भौगोलिक स्थिति का पता नहीं है। इस वजह से ट्रांसफर के लिए पंचायतों के चयन में दिक्कत आ रही है। विभाग को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ही पंचायत, स्कूल के लोकेशन की जानकारी देनी चाहिए। इससे शिक्षकों को आवेदन में आसानी होगी।
शिक्षक पंचायत और प्रखंडों की जानकारी के लिए शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और राजस्व व भूमि सुधार केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। जिले में तैनात शिक्षा विभाग के कर्मी दूसरे प्रखंड या अनुमंडल के स्कूलों की पूरी जानकारी देने में असमर्थ हैं। वे शिक्षकों को जिला प्रशासन व राजस्व व भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों के पास भेज रहे हैं। ताकि पंचायत, प्रखंड की वास्तविक स्थिति और स्कूलों का पता चल सके। बिहार में 3.85 लाख शिक्षकों का ट्रांसफर होना है। इसमें 45% से अधिक महिलाएं हैं। साथ ही बीपीएससी से 1.75 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इनमें भी लगभग 40% शिक्षक यूपी, एमपी, झारखंड के रहने वाले हैं। वहीं, वर्षों से एक जगह कार्यरत दूसरे शिक्षकों को भी अन्य पंचायतों के स्कूलों
के बारे में सही तरह पता नहीं है।
11 दिनों में 1.20 लाख शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया
पटना 11 1 दिनों में 1.20 लाख शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। 5 दिनों में और 2.66 लाख शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन करेंगे। आवेदन समाप्त होने के बाद कैटेगरी के आधार पर शिक्षकों को विभाजित किया जानकारी प्रथम स्तर पर ई-शिक्षा कोष पोर्टल के जरिए दी जाएगी। ट्रांसफर-पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया दिसंबर में पूरी हो जाएगी। क्रिसमस के अवकाश के बाद जब स्कूल खुलेगा, तो शिक्षक पोस्टिंग वाले स्कूल में सीधे पहुंचेंगे।
विभाग का निर्देश- सरकारी शिक्षक ट्यूशन या कोचिंग में नहीं पढ़ाएंगे
पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक कोचिंग में या ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते हैं। कोचिंग या ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कही। उन्होंने कहा कि स्कूल के दौरान यदि कोई छात्र कोचिंग में पढ़ता है तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि स्कूल खत्म या शुरू होने से पहले छात्र के कोचिंग में पढ़ने पर रोक नहीं है। साथ ही शिक्षकों के रिल्स बनाने पर भी रोक है। हालांकि वे शिक्षा से जुड़ी वीडियो बना सकते हैं। छात्रों को भी शिक्षा संबंधी वीडियो दिखाने पर रोक नहीं है
Post a Comment