तबादले को लेकर शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें क्यों पूछा जा रहा है पत्नी के मायके का पता

तबादले को लेकर शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें क्यों पूछा जा रहा है पत्नी के मायके का पता

 सीतामढ़ी. बिहार के सीतामढ़ी में शिक्षक संघ अब सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने के तैयारी में है और अपनी मांग को लेकर हाइकोर्ट में केस करने जा रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग सक्षमता पास शिक्षकों के पोस्टिंग को लेकर जो नोटिफिकेशन जारी किया था, अब अपने ही आदेश का उल्लंघन कर रहा है. इतना ही नहीं शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग अन्याय कर रहा है. इसी को लेकर डुमरा हवाई अड्डा मैदान में टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ(गोपगुट) की हुई बैठक में शिक्षक संघ ने राज्य शिक्षक संघ को मजबूती से लड़ने का आश्वाशन दिया है.



नियमावली में संसोधन नहीं होने पर करेंगे आंदोलन


शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष विकास सिंह ने लोकल 18 को बताया कि शिक्षा विभाग सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों को छलने का काम कर रहा है. जब सक्षमता परीक्षा का नोटिफिकेशन आया था तो पोस्टिंग का नियम था कि सक्षमता में प्राप्त प्राप्तांक के आधार पर जिला आवंटित किया जाएगा. वही उसी जिला में पोस्टिंग होगा और अब उसे संशोधित कर 10 अनुमंडल की मांग की जा रही है, जो सरासर नाइंसाफी है. जिलाध्यक्षे ने बताया कि जिला संघ प्रदेश इकाई के निर्णयों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा. अगर सरकार समय रहते नियमावली में संशोधन नहीं करती है, तो लोकतांत्रिक ढंग से सड़क से लेकर सदन तक का आंदोलन होगा.

शिक्षकों ने सरकार पर परेशान करने का लगाया आरोप


शिक्षकों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर संघ उच्च न्यायालय के शरण में भी जाने को बाध्य होगा. सभी शिक्षकों का मांग है कि अविलंब 10 अनुमंडल की बाध्यता को समाप्त कर उसके जगह प्रखंड किया जाए. सरकार और विभाग पर नियोजित शिक्षकों के साथ खिलवाड़ करने और जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया. पहले कहा गया था कि शिक्षकों को उनके मेरिट के हिसाब से एक जिला एलॉट किया जाएगा. इसके बाद कुछ शिक्षकों ने गृह जिला तो कुछ लोग दूसरे जिला का चयन किया है. अब सरकार शिक्षक के पत्नियों का मायके भी ढूंढ रही है, ताकि वहां पोस्टिंग नहीं की जा सके. शिक्षकों की मांग है कि गृह प्रखंड छोड़कर अन्य प्रखंड के चयन में छूट मिले.वहीं 10 अनुमंडल के चयन में 5 से 6 जिला का चक्कर लगाना पड़ सकता है. इससे शिक्षकों को कई तरह की परेशानी से जूझना पड़ेगा.


तबादले को लेकर मिलेंगे 10 विकल्प


बता दें कि शिक्षकों को तबादले के लिए 10 विकल्प मिलेंगे. इनमें से तीन विकल्प अनिवार्य होंगे. यदि तीन अनिवार्य विकल्पों में कोई पद रिक्त नहीं है, तो शिक्षकों को उसी जिले या निकटवर्ती जिले में कहीं पदस्थापित किया जाएगा. असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, विकलांगता, ऑटिज्म या मानसिक विकलांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प दिया जाएगा. वहीं विधवा, परित्यक्ता शिक्षिका, महिला शिक्षिका, ट्रांसजेंडर और पति की पोस्टिंग के आधार पर तबादला चाहने वाले शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प दिया गया है. पुरुष शिक्षक भी 10 अनुमंडल का विकल्प दे सकते हैं.

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