मध्याह्न भोजन में बच्चों को दूध देने पर नहीं बनी सहमति

मध्याह्न भोजन में बच्चों को दूध देने पर नहीं बनी सहमति

 पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों को दूध देने पर सहमति नहीं बन सकी है। राज्य के 44 प्रखंडों के प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन गर्म दूध देने की योजना बनी थी, लेकि यह अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। इसको लेकर शिक्षा विभाग का निर्णय था कि जुलाई, 2024 से बच्चों को दूध मिलेगा। फिर इस योजना को शुरू करने की तिथि बढ़ाकर अक्टूबर- नवंबर की गयी। मगर इस पर कोई पहल अब नहीं हो रही है।


विभाग ने एक दर्जन से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से शहरों में स्थित स्कूलों में दूध देने की



कार्ययोजना बनायी थी। संबंधित संस्थाओं को जिला भी आवंटित कर दिया गया था। मगर अपरिहार्य कारणों से इस योजना को जुलाई में नहीं शुरू कर इसकी तिथि को आगे बढ़ा दिया गया। इसके बाद से इस योजना पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय ने लिखा था पत्रः मालूम हो कि मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय ने 15 मई, 2024 को चयनित संस्थाओं को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 100 ग्राम तथा छह से आठ कक्षा के बच्चों को 150 ग्राम गर्म दूध मिलेगा। इसके लिए स्वयंसेवी संस्था की ओर से क्रमशः 12 ग्राम एवं 18 ग्राम दूध पाउडर की आपूर्ति की जाएगी। केंद्रीयकृत किचन में दूध तैयार किया जाएगा और स्कूल में उसकी आपूर्ति की जाएगी।


चरणवार अन्य प्रखंडों के स्कूलों में भी दूध की आपूर्ति कराने की भी बात थी। निदेशालय ने यह साफ किया था कि दूध की आपूर्ति में होने वाले सभी खर्च का वहन संबंधित स्वयंसेवी संस्थाएं करेंगी। इसके लिए अलग से कोई राशि नहीं मिलनी थी।


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