गया, निज प्रतिनिधि। सरकार के पोस्टिंग नीति को लेकर सक्षमता पास शिक्षकों में आक्रोश है। शनिवार को आक्रोशित असक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों ने सरकार का पुतला दहन व पोस्टिंग नीति की प्रति को जलाकर प्रतिवाद दिवस मनाया। गांधी मैदान में प्रतिवाद दिवस मनाते हुए सरकार की नीति के खिलाफ नारेबाजी की। @pky टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया राज्य के तमाम पुरुष शिक्षकों के साथ सरकार लिंग के आधार पर भेद भाव कर रही है। सरकार ने पूर्व में निकाले गए अपने ही आदेश की अवहेलना कर रही है। सरकार ने राज्यकर्मी की दर्जा के लिए शिक्षकों के सामने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने का शर्त रखा था उसका हमलोगों ने स्वागत किया और परीक्षा दी। उस समय सरकार ने तीन जिलों का विकल्प मांगा था। इसमें से एक
जिला का आवंटन विभाग की ओर से किया जाना था, जो किया गया है, लेकिन अब विभाग ने ही स्थानांतरण नीति में पुरुष शिक्षकों से 10 अनुमंडल देने का विकल्प मांगा गया है। जबकि बिहार में कोई भी ऐसा जिला नहीं है जिसमें 10 अनुमंडल हो। ऐसी स्थिति में जिला से बाहर पदस्थापन करने की तैयारी विभाग के तरफ से की जा रही है, जो बिल्कुल गलत व हास्यास्पद है। संघ के महासचिव तारिक अनवर ने बताया कि पूर्व में तत्कालीन शिक्षा विभाग अपर सचिव के के पाठक ने पत्र जारी कर बताया था कि सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षकों को उनके मेधा के आधार पर उनके आवंटित जिले के शहरी क्षेत्रों में पोस्टिंग की जाएगी।
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