मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए मिली स्टील की थाली चार-पांच महीने में ही टूटने लगी है। किसी थाली में छेद हो गया है तो कोई पचक गया है। थाली की स्थिति को देखने के बाद इस योजना में हुई गड़बड़ी भी साफ-साफ दिखने लगी है।
एजेंसी के जरिए दी गई थाली के नाम पर लाखों का वारा न्यारा किया गया है। अधिकारियों की जांच में थाली की गुणवत्ता ऐसी खराब मिली कि इसे स्कूल में रखना दुश्वार हो गया। विभाग की ओर से थाली के लिए निर्धारित मानक अधिकांश स्कूलों में पूरा नहीं किया गया है। खराब क्वालिटी वाली थाली में बच्चे खा रहे हैं और अच्छी गुणवत्ता के हिसाब से राशि का भुगतान हो रहा है।
जिले में एक दर्जन से अधिक स्कूलों में थाली बदलने का आदेश दिया गया है। अन्य स्कूलों में भी जांच कराई जा रही है। स्कूल प्रभारियों का कहना कि यह थाली मुश्किल से 60 से 80 रुपये की है। थाली खरीद के लिए मुख्यालय ने ही एजेंसी और कीमत तय की थी। अधिकांश स्कूलों में छोटी वाली 120 तो बड़ी वाली थाली का 140 रुपए के हिसाब से भुगतान किया गया है।
जांच में खुली पोल, डीएम ने दिया अल्टीमेटमः प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में जब अलग-अलग स्कूलों में थाली में गड़बड़ी की पोल खुली तो
अन्य स्कूलों में इसकी जांच को लेकर हड़कंप मचा है। डीपीओ पीएम पोषण योजना ने संबंधित एजेंसी को डीएम के आदेश पर संबंधित स्कूलों में थाली बदलने का आदेश दिया है। तीन दिनों के भीतर इसे बदलने को कहा गया है। म.वि. केवटसा, म.वि. सकरी मन, म.वि. बंदरा, म.वि. सुंदरपुर रतवारा समेत अन्य स्कूलों में थाली बदलकर गुणवत्तापूर्ण मानक के अनुरूप थाली पहुंचाने का आदेश दिया गया है।
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