बच्चों को उपनाम और रोल नंबर से नहीं, नाम से बुलायेंगे शिक्षक

बच्चों को उपनाम और रोल नंबर से नहीं, नाम से बुलायेंगे शिक्षक

 जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों में बेहतर बॉन्डिंग को बिल्डअप करने के लिए क्लास रूम के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर यह निर्देश दिया है कि शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित करना सुनिश्चित किया जाये. बच्चे शिक्षकों का सम्मान करें, उनसे डरें नहीं और खुद को क्लास में अलग नहीं रखें, इसके लिए रोचक ढंग से क्लास में पढ़ाने का निर्देश दिया गया है.


जो बच्चे उपस्थित हैं, उन्हीं की बने हाजिरी : ऑनलाइन बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जो बच्चे क्लास में उपस्थित रहें, उन्हीं की हाजिरी पंजी में दर्ज की जाये. इसके साथ



ही शिक्षकों को बच्चों को यह सबक अवश्य देने के लिए कहा गया है कि देर से आने पर उपस्थिति दर्ज नहीं की जायेगी. इसके साथ ही क्लास में शिक्षक अपने साथ विषय से जुड़ी किताब, कॉपी और नवाचार के पन्ने रखेंगे.


90 प्रतिशत शिक्षक बच्चों को नाम से बुलाते हैं: एससीइआरटी की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 90 प्रतिशत शिक्षक बच्चों को क्लास रूम में उनके नाम से बुलाते हैं. 1 लाख 38 हजार केसेज में 90 प्रतिशत शिक्षक क्लास में बच्चों को नाम से बुलाते हुए पाये गये हैं.

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