शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने शुक्रवार को भी वीडियो कॉलिंग के जरिये स्कूलों दशा और दिशा को जानने का प्रयास किया. शुक्रवार को उन्होंने पाया कि हेडमास्टर अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं. बच्चे यूनिफार्म में नहीं दिख रहे हैं. अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके बच्चे दरी पर खुले में बैठ कर पढ़ रहे हैं. स्कूल परिसर में अनावश्यक सामान रखा हुआ
है. पाया कि शिक्षक स्कूल जरूर पहुंच रहे हैं. यह बात और है कि उनकी पढ़ाने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है. इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने हेडमास्टरों को कठोर चेतावनी दी. मौके पर जांच भी रवाना किये.
कटिहार के नवा टोली स्कूल में जब एसीएस सिद्धार्थ ने वीडियो कॉल लगाया तो देखा कि बच्चे बहार दरी पर बैठकर पढ़ रहे हैं. पूछा कि ऐसा क्यों है? वहां के हेडमास्टर ने सफाई दी कि सरकारी फंड से स्कूल की बिल्डिंग नहीं बनी
है. ग्रामीणों के सहयोग से बनी है. इसमें कोई खास जगह नहीं है. इसलिए बच्चों को बाहर बिठाना पड़ रहा है. बेंच डेस्क भी नहीं है. तभी एसीएस की निगाह स्कूल परिसर में रखे पुआल पर पड़ी. कुछ जगह धान रखा हुआ है. इस पर उन्होंने प्रधानाध्यापक की क्लास ली. क्या किसी की दबंगई चल रही है. स्कूल में कुछ भी रख देगा. प्रधानाध्यापक ने सफाई दी कि सर हटवा लेंगे. एसीएस कक्षा संचालन के ढंग से खुश नहीं हुए, क्योंकि बच्चे एक ही जगह पर एक साथ
बैठे हुए थे. चेतावनी दी कि स्कूल ठीक से नहीं चल रहा है.
बच्चों की अनुपस्थिति पर आधार की कहानी मत सुनाइए : किशनगंज के बीइपी स्कूल में एसीएस सिद्धार्थ ने पाया कि बच्चे बेहद कम हैं. कक्षा विशेष में शिक्षक मौजूद नहीं मिला. बच्चों की कम संख्या पर प्रधानाध्यापक ने बार बार तर्क दिया कि बच्चे आधार आइडी बनाने गये हैं. इस पर एसीएस ने चेतावनी दी कि ऐसे स्कूल नहीं चलता है.
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