विद्यालय विकास मद की राशि खर्च करने में कोई प्राचार्य नहीं ले रहे रुचि।

विद्यालय विकास मद की राशि खर्च करने में कोई प्राचार्य नहीं ले रहे रुचि।

 विद्यालय विकास मद की राशि खर्च करने में कोई प्राचार्य नहीं ले रहे रुचि।

शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों व संकुलों के विकास के लिए दो माह पहले विकास मद की राशि उपलब्ध करा दी गयी है। लेकिन, जिले के 171 संकुलों के व्यवस्थापकों व 711 स्कूलों के प्राचार्यों की अनदेखी की वजह से राशि खर्च नहीं की जा सकी है। जगजाहिर है कि जब राशि ही खर्च नहीं हुई तो संबंधित स्कूलों व प्राचार्यों की मरम्मत व अन्य काम नहीं कराये गये। 



विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले में 280 प्लस टू हाईस्कूलों समेत दो हजार 393 प्रारंभिक स्कूलों में विद्यालय में छात्रों के नामांकन के आधार पर विकास मद की राशि भेजी गयी है। शिक्षा विभाग द्वारा 30 नवंबर को ही पीएफएमएस के माध्यम से जिले के प्रारंभिक व हाईस्कूलों में विद्यालयों के समग्र शिक्षा के बैंकखाते में राशि भेजी गयी है। लेकिन, दो माह माह में 1682 स्कूलों व महज 96 कम्पलेक्स रिसोर्स सेंटर की राशि की निकासी की गयी है। जबकि, डीईओ राजकुमार व समग्र शिक्षा डीपीओ मो. शाहनवाज कई बार पत्र व अन्य माध्यमों से प्राचार्यों को विभागीय नियमानुसार राशि खर्च करने का आदेश दे चुके हैं।


संकुलों का भी नहीं हुआ विकास शिक्षा विभाग स्कूलों में विद्यालय भवन की छोटी-मोटी मरम्मत, रंगरोगन व शैक्षणिक कार्य की सफल संचालन के लिए शैक्षिक सामग्रियों की खरीदारी के लिए विद्यालय विकास मद के रुप से राशि देती है। साथ ही, कम्पलेक्स रिसोर्स सेंटरों के विकास के लिए भी राशि देती है। इस वर्ष जिले के 267 संकुलों को भी एक लाख 53 हजार भेजे गए हैंलेकिन, दो माह बाद भी महज 96 संकुलों की राशि खर्च की गयी है। विभागीय प्रावधान के अनुसार राशि खर्च कराने को लेकर अधिकारी परेशान हैं।


इन मदों में खर्च करनी है राशिः डीईओ ने बताया कि अक्रियाशील विद्यालय उपकरणों का प्रतिस्थापन, शिक्षण कार्य के लिए उपयोगी सामग्री, खेल सामग्रियां, खेलों का उपकरणप्रयोगशाला, बिजली शुल्क, इंटरनेट, पेयजल की व्यवस्था, शिक्षण में सहायक सामग्रियों पर राशि खर्च की जा सकती है। साथ ही, भौतिक संरचना को अच्छी स्थिति में रखने के उद्देश्य से विद्यालय भवनों की वार्षिक मरम्मत, रख-रखाव, शौचालयों व अन्य जरूरी सुविधाएं बहाल करने पर भी रुपये खर्च करने का आदेश दिया गया है।

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