बिहार में 33 सरकारी शिक्षकों की गई नौकरी, 194 मास्टर साहब हैं रडार पर, सैलरी वाली बात जान उड़ जाएंगे होश

बिहार में 33 सरकारी शिक्षकों की गई नौकरी, 194 मास्टर साहब हैं रडार पर, सैलरी वाली बात जान उड़ जाएंगे होश

 बिहार में 33 सरकारी शिक्षकों की गई नौकरी, 194 मास्टर साहब हैं रडार पर, सैलरी वाली बात जान उड़ जाएंगे होश

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बिना सही वैकेंसी के शिक्षकों की भर्ती होने के मामले में 33 शिक्षकों को पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया है। अब 194 और शिक्षकों की नियुक्ति की जांच हो रही है। अगर गड़बड़ी मिली, तो उन्हें भी हटाया जा सकता है। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।



गलत तरीके से शिक्षक भर्ती का है मामला

दरअसल, गोपालगंज जिले में गलत तरीके से शिक्षक भर्ती का मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्ती दिखाते हुए पहले 33 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। अब 194 और शिक्षकों की नियुक्ति की जांच चल रही है। इन शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की आशंका है। अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है, तो इन्हें भी नौकरी से निकाला जा सकता है।

वेतन वापस लेगी सरकार

जिन 33 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनसे सरकार वेतन वापस लेगी। इन शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने मामला राज्य अपीलीय प्राधिकार को भेज दिया। वहां से भी शिक्षकों को कोई मदद नहीं मिली। प्राधिकार ने पहले के फैसले को सही ठहराते हुए शिक्षकों को बर्खास्त करने और उनसे वेतन वसूलने का आदेश दिया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने 25 मार्च तक सभी शिक्षकों को हटाने का आदेश जारी कर दिया

क्या कह रहे अधिकारी

स्थापना संभाग के डीपीओ मोहम्मद जमालुद्दीन ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले 60 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ राज्य अपीलीय प्राधिकार में अपील की गई थी। अब बचे हुए 194 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया और उनके कागजात की बारीकी से जांच हो रही है। यह मामला भी जल्द ही राज्य अपीलीय प्राधिकार के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इन शिक्षकों पर भी फैसला होगा।

शिक्षकों में डर का माहौल

शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई के बाद गलत तरीके से भर्ती हुए शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन शिक्षकों के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस जांच से दूसरे शिक्षकों में भी डर का माहौल है। उन्हें लग रहा है कि अगर उनकी नियुक्ति भी गलत तरीके से हुई है, तो उनकी नौकरी भी जा सकती है।


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