BPSC Teacher: सपने सलाखों के पीछे नहीं रुकते! बिहार के गया से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां 18 महीने से जेल में बंद एक कैदी को शिक्षक की नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा गया. TRE-3 परीक्षा पास कर चुके विपिन कुमार को शनिवार को बोधगया के महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री और गया जिला प्रभारी नीतीश मिश्रा ने नियुक्ति पत्र दिया.
हथकड़ी में मंच पर पहुंचा शिक्षक कैदी
विपिन को बेऊर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाया गया था. जब उसका नाम मंच से पुकारा गया, तो वह हथकड़ी पहने हुए मंच पर पहुंचा. समारोह में मौजूद लोगों के लिए यह नजारा चौंकाने वाला था, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ जब कोई कैदी जेल में रहते हुए शिक्षक बना और हथकड़ी में ही नियुक्ति पत्र प्राप्त किया.
कौन है विपिन कुमार?
गया के मोहनपुर प्रखंड के ऐरकी गांव का रहने वाला विपिन कुमार साल 2023 में पटना के सगुना मोड़ स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाता था. उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है, लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं. विपिन का दावा है कि पड़ोस के एक कोचिंग संस्थान ने साजिश के तहत उसे फंसाया.
कैदी शिक्षक ने क्या कहा?
नियुक्ति पत्र मिलने के बाद थाना लाए गए विपिन ने मीडिया से कहा, “मैं शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना चाहता हूं. जेल से बाहर आते ही बच्चों को शिक्षित करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दूंगा. सच जल्द ही सामने आएगा.” वहीं बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “सरकार योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक देने के लिए प्रतिबद्ध है. विपिन की यह कहानी समाज के लिए प्रेरणादायक हो सकती है
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